
पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने न्यूज़ चैनल ‘एनडीटीवी’ से करीब 30-साल बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, “इस्तीफे का फैसला आसान नहीं था…लेकिन अब जो है यही है। बाकी बातें बाद में।” वहीं, उन्होंने उन दावों को ‘बकवास’ बताया जिनमें कहा गया था कि अदाणी समूह के कथित घोटाले पर नहीं बोलने के आदेश के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया।दिलचस्प बात यह है कि श्रीनिवासन जैन को उनके कार्यक्रमों में शामिल होने वाले मेहमानों ने कई मौकों पर आईना दिखाया है। एक बार एक कार्यक्रम के दौरान कारोबारी राकेश झुनझुनवाला ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा था, “मुझे लगता है कि आप और एनडीटीवी सरकार के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। प्रेस कोई राजनीतिक इकाई नहीं है। प्रेस को पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं बल्कि निष्पक्ष होना चाहिए।”
एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी पर अडानी समूह के नियंत्रण के बाद से ही वामपंथी एजेंडावादी पत्रकारों का इस्तीफा जारी है। इसके पहले रवीश कुमार ने चैनल से इस्तीफा दिया था। रवीश कुमार एनडीटीवी के हिंदी चैनल के माध्यम से लगातार मोदी विरोधी प्रोपेगंडा फैलाने में व्यस्त थे। उनका इस्तीफा तुरंत प्रभाव से लागू हो गया था। उन्हें चैनल में ‘सीनियर एग्जीक्यूटिव’ का पद दिया गया था। उन्होंने ‘हम लोग’, ‘रवीश की रिपोर्ट’, ‘देस की बात’ और ‘प्राइम टाइम’ समेत कई कार्यक्रमों में एनडीटीवी के लिए एंकरिंग की थी।